Monday, 29 August 2011

ज़िन्दगी एक नारी की


कुछ चीज़े होती हैं जो ज़िन्दगी पर बहुत गेहरा असर करती देती हैं । दिल को इस कदर छू जाती  कि हम सोछ में  पड़ जाते हैं  , सोच, एक बहुत गेहरी सोच।
ऐसा हि हुआ था मेरे साथ जब  मैने १ डाक्युमेन्ट्री फिल्म देखी थी "होली वाईव्स्" ।
जहाँ  देव्दासी सिस्टम के बारे में  बताया गया था ।  देव्दासी सिस्टम  क्या था और क्या बना दिया गया है । औरत जिसे लक्ष्मी  समझा जाता है कुछ शेहरो में आज भी उसे  वैश्या समझा जाता है आज ।
कोई इज्ज़त नहीं की जाती उसकी । इतनी बुरी स्थिति हो गयी है उसकी । घंटों नचाया जाता हैं उन्हें बिना उनके दुख के बारे मे सोचते हुए जैसे कि वो औरत नहीं १ वस्तू हो ।
बस इस फिल्म ने इस तरह असर कर दिया मेरे दिल पे की मेरा सारा दिल इन पंक्तियों पर उतर आया । 

सोचा तो बहुत था यहाँ आने से पहले
कुछ नया करें  और इस ज़िन्दगी के साथ खेलें ,
पर उस दिन ने ऐसा जादू कर दिया 
की सोचने का नजरिया ही बदल गया,
और ऐसा लगा कि ज़िन्दगी में पाया कम और खो ज्यादा  दिया,
क्या करूँ  नहीं जानती
आँखों में उनके दर्द छुपा है  
पर कदम फिर भी थिरकते हैं,
न जाने कैसे है वो लोग
जो उनका दर्द अभी तक नहीं समझते हैं,
ऐ ज़ालिम दुनिया
कितना तुम इन्हें तड़पाओगे,
क्यों नहीं समझते तुम सब
हैं वो भी इंसान उन्हें कितना सताओगे,
क्यों कर रे हो खिल्वाढ़ उनकी ज़िन्दगी से
क्यों नहीं बिताने देते उन्हें २ पल ख़ुशी से,
अब उन तक पोहोच कर उनकी मदद करना हो गया है ज़रूरी
बन गयी है ये बहुत बड़ी मज़बूरी,
किस तरह उनतक पहुँचू नहीं जानती
रास्ता है  कठिन पर नामुमकिन है ये नहीं मानती 

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